अर्थ के आधार पर वाक्यभेद

विधानवाचक वाक्य  

वह वाक्य जिससे सामान्य कथन का पता चले,   विधानवाचक   वाक्य   कहलाता है।

जैसे   -
हरियाणा एक राज्य है।
सुरेश एक अच्छा खिलाड़ी है।
सोहन पुस्तक पढ़ता है।


निषेधवाचक वाक्य :

जिन वाक्यों से नकारात्मकता का भाव प्रकट हो, वे   निषेधवाचक वाक्य   कहलाते हैं।

जैसे -
सोहन पुस्तक नहीं पढ़ता है।
वह इस काम को नहीं करेगा।


प्रश्नवाचक वाक्य   -

जिन वाक्यों से प्रश्न होने का भाव प्रकट हो, वे   प्रश्नवाचक वाक्य   कहलाते हैं।


जैसे   -

आपका क्या नाम है?
तुम्हारा जन्म कब हुआ था?
राम के पिता का नाम क्या है?



आज्ञावाचक वाक्य -

जिन वाक्यों में आज्ञा प्रकट की जाए अथवा आदेश दिया जाए वे वाक्य   आज्ञावाचक वाक्य   कहलाते हैं


जैसे   -
यह कार्य करिए।
इस पाठ को पढ़ो।
चुप रहो।
बाहर जाओ।
तुम्हें कल इस पुस्तक को देना है।



विस्मयादिवाचक वाक्य - 

वे वाक्य जिनमें हर्ष, शोक, घृणा आदि का भाव प्रकट हो, उन्हें   विस्मयादिबोधक वाक्य   कहते हैं।

जैसे   -
वाह! क्या बात है।
हाय! कितना गलत हुआ।
ओह! जानकर दुख हुआ।



इच्छावाचक वाक्य - 

जिन वाक्यों में किसी इच्छा अथवा आशीर्वाद का बोध होता है, वे   इच्छावाचक वाक्य   कहलाते हैं।

जैसे -
ईश्वर तुम्हारी लंबी आयु करें।
तुम्हारा नव वर्ष अच्छा गुजरे।



संकेतवाचक वाक्य- 

जब कोई बात दूसरी बात पर आश्रित हो अथवा संकेत करें उन्हें   संकेतवाचक वाक्य अथवा शर्तबोधक वाक्य   कहते हैं।

जैसे -
यदि तुम अच्छी मेहनत करते तो प्रथम आते।
तुम दिल्ली चलोगे तो मैं चलूंगा।



संदेहवाचक वाक्य  

जिन वाक्यों में शक उत्पन्न सोने का भाव हो अथवा सन्देह हो उन्हें   संदेहवाचक वाक्य   कहते हैं।

जैसे -
रितिक पढ़ रहा होगा।
शायद मैं कल जाऊंगा।

Comments

Post a Comment

Popular Posts