मोबाइल क्रांति पर बाल कहानी
दिल्ली से बहुत दूर रामपुर नामक गाँव में रामू नाम का एक युवक रहता था।बहुत पुरानी बात है जब रामू छोटा था, उसके पिताजी रामगोपाल दिल्ली में रहते थे।रामगोपाल दिल्ली शहर में कपड़े बनाने का काम करते थे।वो साल में एक-दो बार ही अपने गाँव आते थे। बाकी समय में वो अपने परिवार का हाल-चाल लेने के लिए पत्र लिखा करते थे।रामू भी उस पत्र का जवाब पत्र लिखकर ही देता था।धीरे-धीरे समय बीतता गया।जिस साल रामू दसवीं कक्षा में पहुँचा उसी साल गाँव के सरपंच धनीराम जी के घर टेलीफ़ोन लगा।धनीराम जी के घर टेलीफोन लगते ही रामू के पिताजी भी वहाँ फ़ोन करके अपने परिवार का हाल-चाल लेने लगे।हर इतवार को सुबह सुबह लाइन लग जाती थी,सभी लोग अपने अपने घरवालों के हालचाल पूछने की इच्छा से धनीराम जी के यहां जमघट लगा लेते थे। हँसी ठिठोली होती, बच्चे, बूढ़े सभी दूरदर्शन के कार्यक्रम देखते,दोपहर के रामायण ,महाभारत की कथाओं के धारावाहिकों का आनंद उठाते और फिर अपने -अपने घरवालों से बात करते ,जो दूर देश मे काम करने के लिए गए हुए थे। बात करते ही मन मे तरंगे उठने लगती,चेहरे चमक जाते और धनीराम जी की नेकनामी के गीत गाते हुए सब लोग अपने -अपने घर चले जाते थे।
यही क्रम छः सालो चलता रहा। रामू ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर ली और शहर की एक बड़ी कंपनी में अच्छी सी नौकरी भी लग गयी।अपनी नौकरी की खुशखबरी देने वो अपने गाँव आया ।बहुत सारे लोग धनीराम जी के यहां बैठे हुए थे।इतवार का ही दिन था।बैठ कर बातों का सिलसिला चल ही रह था कि फोन की घंटी बजी ।सब इकट्ठे ही फोन की ऒर दौड़ पड़े।तभी रामू ने अपनी जेब से एक छोटी सी मशीन निकाली और किसी से बात करने लगा।सब गाँव वाले उसकी तरफ हैरानी से देख रहे थे।बात करते ही जैसे रामू ने नजर घुमाई सभी को उस छोटी सी मशीन की तरफ प्रश्नसूचक दृष्टि से देखते हुए पाया। रामू को सारा माजरा समझ में आ गया। उसने सब को बताया,"ये भी एक टेलीफोन है । इसे हम अपने साथ कहीं भी रख सकते हैं।साथ लेकर यात्रा कर सकते हैं और इसे चलाने के लिए हमे किसी तार की भी जरूरत नही होती। इसे मोबाइल कहा जाता है।ये मुझे मेरी कंपनी ने काम करने के लिए दिया है।"
सभी लोग मोबाइल फोन को अपने हाथ मे ले लेकर देख रहे थे। और बहुत खुश थे कि अब वो भी इशी तरह के मोबाइल अपने घर मे रखेंगे जिससे देर- देर तक धनी राम जी के घर मे लाइन लगा कर उन्हें अपनों से बात करने नही आना होगा,वो जब चाहे कहीं भी रहें अपने घरवालों की आवाज सुन पाएंगे।
रामु ने भी सभी गाँववालों को सस्ते मूल्य में शहर से फोन उपलब्ध करवाने का वादा गया। गाँववाले बहुत खुश हुए।
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