उपसर्ग व प्रत्यय
उपसर्ग
शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।
उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं।
उदाहरण:
प्र + हार = प्रहार
उप + कार = उपकार
आ + हार = आहार
हिन्दी में मुख्यतः चार प्रकार के उपसर्ग होते है:-
- संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)
- हिंदी के उपसर्ग (तद्भव)
- उर्दू के उपसर्ग
- अंग्रेजी के उपसर्ग (विदेशी)
- संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम)
संस्कृत के 22 मूल उपसर्ग हैं:-
उपसर्ग -अर्थ – उपसर्ग से बने शब्द
अति अधिक अतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्यन्त, अत्याचार
अधि प्रधान/श्रेष्ठ अधिनियम, अधिनायक, अधिकृत, अधिकरण, अध्यक्ष, अध्ययन
अनु पीछे अनुचर, अनुज, अनुकरण, अनुकूल, अनुनाद, अनुभव
अप बुरा अपयश, अपशब्द, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुन
अभि पास अभिवादन, अभिमान,अभिनव, अभिनय, अभिभाषण, अभियोग
अव हीनता अवगुण, अवनति, अवगति, अवशेष, अवज्ञा, अवरोहण
आ तक/से आघात, आरक्षण, आमरण, आगमन, आजीवन, आजन्म
उत् श्रेष्ठ उत्पत्ति, उत्कंठा, उत्पीड़न, उत्कृष्ट, उन्नत, उल्लेख
उप सहायक उपभोग, उपवन, उपमन्त्री, उपयोग, उपनाम, उपहार
दुर् कठिन/गलत दुर्दशा, दुराग्रह, दुर्गुण, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोग
दुस् बुरा/कठिन दुश्चिन्त, दुश्शासन, दुष्कर, दुष्कर्म, दुस्साहस, दुस्साध्य
नि बिना निडर, निगम, निवास, निषेध, निबन्ध, निषिद्ध
निर् बिना निराकार, निरादर, नीरोग, नीरस, निरीह, निरक्षर
निस् बिना/बाहर निश्चय, निश्छल, निष्काम, निष्कर्म, निष्पाप, निष्फल
प्र आगे प्रदान, प्रबल, प्रयोग, प्रसार, प्रहार, प्रयत्न
परा विपरीत पराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, परावर्तन, पराविद्या
परि चारों ओर परिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिश्रम, परीक्षा, पर्याप्त
प्रति प्रत्येक प्रतिदिन, प्रत्येक, प्रतिकूल, प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनि
वि विशेष विजय, विहार, विख्यात, व्याधि, व्यसन, व्यवहार
सु अच्छा सुगन्ध, , सुयश, सुमन,सुलभ, सुबोध, सुशील
सम् अच्छी तरह सन्तोष, संगठन,संलग्न, संकल्प, संशय, संरक्षा
अन् नहीं/बुरा अनन्त, अनुपयोगी, अनुपयुक्त,
- हिन्दी के उपसर्ग (तद्भव)
हिन्दी के उपसर्ग ज्यादातर संस्कृत उपसर्गों के अपभ्रंश हैं, ये विशेषकर तद्भव शब्दों के पूर्व आते हैं:-
उपसर्ग अर्थ उपसर्ग से बने शब्द
अन नहीं अनबन, अनपढ़, अनजान, अनहोनी, अनमोल, अनचाहा
अध आधा अधपका, अधमरा, अधजला, अधखिला, अधनंगा, अधगला
उन एक कम उनचालीस, उन्नीस, उनतीस, उनसठ, उन्नासी
औ अब औगुन, औगढ़, औसर, औघट, औतार
कु बुरा कुपुत्र, कुरूप, कुख्यात, कुचक्र, कुरीति
चौ चार चौराहा, चौमासा, चौपाया, चौरंगा, चौकन्ना, चौमुखा
पच पाँच पचरंगा, पचमेल, पचकूटा, पचमढ़ी
पर दूसरा परहित, परदेसी, परजीवी, परकोटा, परलोक, परोपकार
बिन बिना बिनखाया, बिनब्याहा बिनबोया, बिनमाँगा, बिनबुलाया
भर पूरा भरपेट, भरपूर, भरकम, भरसक, भरमार, भरपाई
स सहित सफल, सबल, सगुण, सजीव, सावधान, सकर्मक
चिर सदैव चिरयौवन, चिरपरिचित,चिरकाल, चिरायु, चिरस्थायी
न नहीं नकुल, नास्तिक, नग, नपुंसक, नगण्य, नेति
बहु ज्यादा बहुमूल्य, बहुवचन, बहुमत, बहुभुज, बहुविवाह, बहुसंख्यक
आप स्वयं आपकाज, आपबीती, आपकही, आपसुनी
सम समान समकोण, समकक्ष, समतल, समदर्शी, समकालीन, समग्र
दु बुरा/हीन दुत्कार, दुबला, दुर्जन, दुर्बल, दुकाल
- उर्दू के उपसर्ग
उर्दू भाषा के निम्न उपसर्गों का प्रयोग किया जाता है:-
उपसर्ग अर्थ उपसर्ग से बने शब्द
ला बिना लावारिस, लाचार, लाजवाब, लापरवाह, लापता
बद बुरा बदसूरत, बदनाम, बददिमाग, बदबू, बदकिस्मत
बे बिना बेकाम, बेअसर, बेरहम, बेईमान, बेरहम
कम थोड़ा कमबख्त, कमज़ोर, कमदिमाग, कमअक्ल, कमउम्र
ग़ैर के बिना गैरकानूनी, गैरजरूरी, ग़ैरहाज़िर, गैरसरकारी,
ना अभाव नाराज, नालायक, नामुमकिन, नादान, नापसन्द
खुश श्रेष्ठता खुशनुमा, खुशगवार, खुशमिज़ाज, खुशबू, खुशदिल
हम बराबर हमउम्र, हमदर्दी, हमराज, हमपेशा
ऐन ठीक ऐनवक्त, ऐनजगह, ऐनमौके
सर मुख्य सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार
बेश अत्यधिक बेशकीमती, बेशुमार, बेशक्ल, बेशऊर
बा सहित बाकायदा, बाइज्जत, बाअदब, बामौक़ा
अल निश्र्चित अलबत्ता, अलविदा, अलसुबह, अलगरज
- अंग्रेजी के उपसर्ग
अंग्रेजी भाषा के निम्न उपसर्गों का प्रयोग किया जाता है:-
उपसर्ग अर्थ उपसर्ग से बने शब्द
सब अधीन सब-रजिस्ट्रार, सब-जज, सब-कमेटी, सब-इंस्पेक्टर
हाफ आधा हाफकमीज, हाफटिकट, हाफपेन्ट, हाफशर्ट
को सहित को-आपरेटिव, को-आपरेशन, को-एजूकेशन
हैड मुख्य हैडमास्टर, हैडआॅफिस, हैडक्लर्क , हैडबाॅय
वाइस सहायक वाइसराय, वाइस-चांसलर, वाइस-प्रेसीडेंट
प्रत्यय
प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ ‘आलू’ शब्दांश प्रत्यय है।
प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है। प्रत्यय के दो भेद हैं-
कृत् प्रत्यय
वे प्रत्यय जो धातु में जोड़े जाते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदंत (कृत्+अंत) शब्द कहलाते हैं।
जैसे- लेख् + अक = लेखक। यहाँ अक कृत् प्रत्यय है, तथा लेखक कृदंत शब्द है।
कुछ और उदाहरण भी देखिए-
क्रम प्रत्यय मूल शब्द\धातु उदाहरण
1 अक लेख्, पाठ्, कृ, गै लेखक, पाठक, कारक, गायक
2 अन पाल्, सह्, ने, चर् पालन, सहन, नयन, चरण
3 अना घट्, तुल्, वंद्, विद् घटना, तुलना, वन्दना, वेदना
4 अनीय मान्, रम्, दृश्, पूज्, श्रु माननीय, रमणीय, दर्शनीय, पूजनीय, श्रवणीय
5 आ सूख, भूल, जाग, पूज, इष्, भिक्ष् खा, भूला, जागा, पूजा, इच्छा, भिक्षा
6 आई लड़, सिल, पढ़, चढ़ लड़ाई, सिलाई, पढ़ाई, चढ़ाई
7 आन उड़, मिल, दौड़ उड़ान, मिलान, दौड़ान
8 इ हर, गिर, दशरथ, माला हरि, गिरि, दाशरथि, माली
9 इया छल, जड़, बढ़, घट छलिया, जड़िया, बढ़िया, घटिया
10 इत पठ, व्यथा, फल, पुष्प पठित, व्यथित, फलित, पुष्पित
तद्धित प्रत्यय
वे प्रत्यय जो धातु को छोड़कर अन्य शब्दों- संज्ञा, सर्वनाम व विशेषण में जुड़ते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। तद्धित प्रत्यय से बने शब्द तद्धितांत शब्द कहलाते हैं।
जैसे- सेठ + आनी = सेठानी। यहाँ आनी तद्धित प्रत्यय हैं तथा सेठानी तद्धितांत शब्द है।
कुछ और उदाहरण भी देखिए-
क्रम प्रत्यय शब्द उदाहरण
1 आइ पछताना, जगना पछताइ, जगाइ
2 आइन पण्डित, ठाकुर पण्डिताइन, ठकुराइन
3 आई पण्डित, ठाकुर, लड़, चतुर, चौड़ा पण्डिताई, ठकुराई, लड़ाई, चतुराई, चौड़ाई
4 आनी सेठ, नौकर, मथ सेठानी, नौकरानी, मथानी
5 आयत बहुत, पंच, अपना बहुतायत, पंचायत, अपनायत
6 आर/आरा लोहा, सोना, दूध, गाँव लोहार, सुनार, दूधार, गँवार
7 आहट चिकना, घबरा, चिल्ल, कड़वा चिकनाहट, घबराहट, चिल्लाहट, कड़वाहट
8 इल फेन, कूट, तन्द्र, जटा, पंक, स्वप्न, धूम फेनिल, कुटिल, तन्द्रिल, जटिल, पंकिल, स्वप्निल, धूमिल
9 इष्ठ कन्, वर्, गुरु, बल कनिष्ठ, वरिष्ठ, गरिष्ठ, बलिष्ठ
10 ई सुन्दर, बोल, पक्ष, खेत, ढोलक, तेल, देहात सुन्दरी, बोली, पक्षी, खेती, ढोलकी, तेली, देहाती
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