औपचारिक पत्रलेखन

पत्रों के प्रकार

मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है :

(1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)
(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter)


औपचारिक पत्र- प्रधानाचार्य, पदाधिकारियों, व्यापारियों, ग्राहकों, पुस्तक विक्रेता, सम्पादक आदि को लिखे गए पत्र औपचारिक पत्र कहलाते हैं।

औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता हैं-

(1) प्रार्थना-पत्र (Request Letter)- जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे 'प्रार्थना-पत्र' कहलाते हैं।
ये अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन के लिए लिखे जाते हैं।


प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र


प्रधानाचार्य,
विद्यालय का नाम व पता.............

विषय : (पत्र लिखने के कारण)

माननीय महोदय,

पहला अनुच्छेद ......................
दूसरा अनुच्छेद ......................

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
क० ख० ग०
कक्षा......................
दिनांक ......................


(2) सम्पादकीय पत्र (Editorial Letter)-सम्पादक के नाम लिखे जाने वाले पत्र को संपादकीय पत्र कहा जाता हैं। इस प्रकार के पत्र सम्पादक को सम्बोधित होते हैं, जबकि मुख्य विषय-वस्तु 'जन सामान्य' को लक्षित कर लिखी जाती हैं।

Prashant24IITBHUसेवा में,
माननीय संपादक,
अख़बार का नाम,
जगह का नाम,

दिनांक

विषय:

महोदया,

अब यहां पर अपनी बात लिखिए।
अपने सुझाव स्पष्ट कीजिए।

धन्यवाद,

अपना नाम
पता
मोबाइल नंबर
हस्ताक्षर (जरूरी नहीं हैं)


(3) कार्यालयी-पत्र (Official Letter)- विभिन्न कार्यालयों के लिए प्रयोग किए जाने अथवा लिखे जाने वाले पत्रों को 'कार्यालयी-पत्र' कहा जाता हैं।
ये पत्र किसी देश की सरकार और अन्य देश की सरकार के बीच, सरकार और दूतावास, राज्य सरकार के कार्यालयों, संस्थानों आदि के बीच लिखे जाते हैं।

(4) व्यावसायिक पत्र (Business Letter)- व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेन-देन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें 'व्व्यवसायिक पत्र' कहते हैं।

आज व्यापारिक प्रतिद्वन्द्विता का दौर हैं। प्रत्येक व्यापारी यही कोशिश करता हैं कि वह शीर्ष पर विद्यमान हो। व्यापार में बढ़ोतरी बनी रहे, साख भी मजबूत हो, इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु जिन पत्रों को माध्यम बनाया जाता हैं, वे व्यापारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं। इन पत्रों की भाषा पूर्णतः औपचारिक होती हैं।


व्यवसायिक-पत्र

प्रेषक का पता......................
दिनांक ......................
पत्र प्रापक का पदनाम,
पता......................
विषय : (पत्र लिखने का कारण)।
महोदय,

पहला अनुच्छेद ......................
दूसरा अनुच्छेद ......................

भवदीय,
अपना नाम


औपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें :

(i)औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।

(ii)इस प्रकार के पत्रों में नपी-तुली भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशलक्षेम आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।

(iii)पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।

(iv)पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।

(v)यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।

(vi)पत्र पृष्ठ के बाईं ओर से हाशिए (Margin Line) के साथ मिलाकर लिखें।

(vii)पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता बनी रहे।

(viii)प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।

औपचारिक-पत्र के निम्नलिखित सात अंग होते हैं :

(1) पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता

(2) विषय- जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।

(3) संबोधन- जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय, माननीय आदि।

(4) विषय-वस्तु-इसे दो अनुच्छेदों में लिखें :
पहला अनुच्छेद - अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद - आप उनसे क्या अपेक्षा रखते हैं, उसे लिखें तथा धन्यवाद के साथ समाप्त करें।

(5) हस्ताक्षर व नाम- भवदीय/भवदीया के नीचे अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।

(6) प्रेषक का पता- शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड।

(7) दिनांक



औपचारिक-पत्र की प्रशस्ति, अभिवादन व समाप्ति

प्रशस्ति - श्रीमान, श्रीयुत, मान्यवर, महोदय आदि।
अभिवादन - औपचारिक-पत्रों में अभिवादन नहीं लिखा जाता।
समाप्ति - आपका आज्ञाकारी शिष्य/आज्ञाकारिणी शिष्या, भवदीय/भवदीया, निवेदक/निवेदिका,
शुभचिंतक, प्रार्थी आदि।


औपचारिक पत्र का उदाहरण-

मलेरिया की रोकथाम के लिए अपने नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को प्रार्थना पत्र 

सेवा में,

मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ,

नगर निगम ,

शिमला 

दिनांक : 12-02-2020  

शिमला 171001

विषय : मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को प्रार्थना पत्र

महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मेरा नाम अजय कुमार है | मैं सी.पी.आर.आई कॉलोनी कनलोग  में  रहता हूँ| मैं आपको अपने क्षेत्र में फैले मलेरिया और  सफाई संबंधी दुर्व्यवस्था के बारे में बताना चाहता हूँ| क्षेत्र की गली की नालियों तथा सड़कों में कूड़ा-करकट, मलबे आदि के ढेर लगे रहते हैं और गंदा पानी बहता रहता है| इन पर मच्छर-मक्खियां मंडराते रहते हैं| जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। हमारे कॉलोनी में बहुत से सारे लोग मलेरिया बीमारी से पीड़ित है| अगर ऐसा ही चलता रहा तो , हमारा तो बहार निकलना मुश्किल हो जाएगा|


अतः प्रार्थना है कि हमारे कॉलोनी की इस दुरवस्था पर ध्यान देते हुए इसे यथाशीघ्र सुधारने का प्रयत्न आरम्भ किया जाए जिससे मलेरिया जैसी समस्याओं को और अधिक बढ़ने से रोका जा सके ।    


                              धन्यवाद।  


भवदीय,

अजय कुमार

सी.पी.आर.आई कॉलोनी  

शिमला 

12-02-2020  


स्वयं करें-अपने नगर निगम के आयुक्त को अपने क्षेत्र में डेंगू  की रोकथाम के लिए आग्रह करते हुए पत्र लिखिए।

Comments

Post a Comment

Popular Posts