Class 9th-Hindi CBSE Board Practice Set-1
खंड : अ (वस्तुपरक प्रश्न)
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए
विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
सच्चे मित्र की तलाश हर व्यक्ति को रहती है। जब कोई व्यक्ति जीवन
में कठिनाइयों से दो-चार होता है,
तो उसे किसी ऐसे साथी की आवश्यकता महसूस होती है, जो उसके दुख और परेशानियों की गाथा सुने और उनके निराकरण में उसकी सहायता
करे। परंतु सच्चा मित्र पाना अत्यंत कठिन है। हर जान-पहचान वाला व्यक्ति हमारा
मित्र नहीं हो सकता और न ही मित्रता का दावा करने वाला व्यक्ति सच्चा मित्र होता
है। मित्रता सदैव सोच-समझकर करनी चाहिए। मीठी बातें, चाटुकारिता,
हँसमुख चेहरा आदि मित्र बनाने के लिए आवश्यक शर्ते नहीं हैं,
वरन सच्ची बात कहने वाला, खरी बात कहने वाला.
विपरीत परिस्थितियों में साहस बढ़ाने वाला ही सच्चा मित्र हो सकता है। आचार्य शुक्ल
ने सच्चे मित्र को कड़वी दवा की भाँति बताया है, जो कुसंग के
ज्वर को दूर कर देती है। हमारे जीवन का मार्ग कुमार्ग न बन जाए, सफलता असफलता न बन जाए और नेकनामी बदनामी न बन जाए, इसके
लिए हमें बुरे मित्रों और उनकी संगति से दूर ही रहना चाहिए।
(i) प्रत्येक
व्यक्ति को किसकी तलाश रहती है? (1)
(क) किसी भी मित्र की
(ख) हँसमुख व्यक्ति की
(ग) सच्चे मित्र की
(घ) चाटुकारिता की
उत्तर - (ग) सच्चे मित्र की
(ii)
सच्चा मित्र विपरीत
परिस्थितियों में क्या करता है?
(1)
(क) साहस बढ़ाता है
(ख) हतोत्साहित करता है
(ग) तटस्थ हो जाता है
(घ) हँसता रहता है
उत्तर – (क) साहस बढ़ाता है
(iii)
कुसंग के ज्वर को दूर कौन
कर देती है? (1)
(क) किसी व्यक्ति की सहानुभूति
(ख) सच्ची मित्रता
(ग) निष्पक्षता
(घ) हमारी सफलता
उत्तर - (ख) सच्ची मित्रता
(iv)
'मित्रता सदैव सोच-समझकर
करनी चाहिए।' अर्थ की दृष्टि से वाक्य का कौन-सा
भेद है ? (1)
(क) प्रश्नवाचक
(ख) नकारात्मक
(ग) विधानवाचक
(घ) आज्ञार्थक
उत्तर - (ग) विधानवाचक
(v) नेकनामी को बदनामी से बचाने के लिए हमें
क्या करना चाहिए? (1)
(क) किसी मित्र से परामर्श लेनी चाहिए
(ख) बुरे मित्रों एवं उनकी संगति से दूर रहना चाहिए
(ग) नेकनामी का प्रचार करना चाहिए
(घ) विपरीत परिस्थितियों में धैर्य रखना चाहिए
उत्तर - (ख) बुरे मित्रों एवं उनकी संगति से दूर रहना
चाहिए
2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों
में से सही विकल्प चुनिए :
मन कभी खाली नहीं रहना चाहता। सही
विचार न हों, तो व्यर्थ विचार चुपके से आकर व्यक्ति को बेचैन कर देते हैं। ये हमें अतीत
की ओर ले जाते हैं और हमें पुरानी बातें याद करवाकर हममें यह पछतावा पैदा करते हैं
कि काश! हमने वह नहीं किया होता। ये हमें भविष्य की ओर ले जाते हैं, जहाँ तरह-तरह की कल्पनाएँ, नाकामियों की आशंकाएँ,
अनहोनी का डर बना रहता है। इन विचारों में नकारात्मकता होती है। ये
हमें डराते हैं, हमारे अंदर अपराध-बोध, चिंता जैसे भाव पैदा करते हैं। खाली दिमाग को घेरकर ये हम पर राज करते
हैं। इनमें सच्चाई नहीं होती, पर इनमें खोकर हम अपनों और
अपने मित्रों से दूर होते जाते हैं। ऐसे विचारों से खुद को कैसे बचाया जाए?
हमारा मन अगर इन्हीं में डूबा रहेगा, तो हम हर
समय संघर्ष व गुस्से से भरे रहेंगे और बिना समझे अन्य से कड़वा बोलेंगे। एक ही
उपाय है कि मन को खाली न छोड़कर सही सोच से भरे रहें। जीवन में अच्छी-बुरी बातें
होती रहती हैं। बुरी बातों के बारे में सोचकर मन को उद्विग्न करने की जगह जो कुछ
अच्छा हुआ है, उसके बारे में सोचें और मन को खुश रखें। किसी
की गलत बात याद आए, तो फ़ौरन उसकी किसी अच्छी बात को याद
करने की कोशिश करें। जब यह विचार परेशान करे कि काश! मैंने अपने प्रियजन के साथ यह
न किया होता, तो फौरन वह बात याद करें, जो आप जानते हैं कि उन्हें खुशी देने वाली रही होगी। हर बार हमें अपने किए
हुए काम या कही हुई बात को बदलने का मौका नहीं मिलता।
एक गलत बात की जगह दस ठीक बातें
कही गई, इसे याद करने से हमारे मन में शांति आएगी और फिर व्यर्थ के नकारात्मक
विचारों को जगह नहीं मिलेगी। बार-बार के अभ्यास से उनको विदा होना ही पड़ेगा और हमारा
मन शांत हो जाएगा।
(i) व्यर्थ विचार हमें किसकी ओर ले जाकर
पछतावा पैदा करते हैं?
(1)
(क) असत्य
(ख) वर्तमान
(ग) अतीत
(घ) अनंत
उत्तर - (ग) अतीत
(ii) कौन-से विचार हमारे अंदर डर और
चिंता जैसे भाव उत्पन्न करते हैं? (1)
(क) भावनात्मक
(ख) विचारात्मक
(ग) सकारात्मक
(घ) नकारात्मक
उत्तर – (घ) नकारात्मक
(iii) लेखक ने मन को किस चीज़ से भरने
की बात की है? (1)
(क) विभिन्न विचारों
से
(ख) सकारात्मक सोच से
(ग) भक्ति-भाव से
(घ) शांतिपूर्ण भाव
से
उत्तर – (ख) सकारात्मक सोच
से
(iv) हमें क्या सोचकर मन को खुश रखना
चाहिए? (1)
(क) बीती बातें
(ख) दूसरों की बातें
(ग) अच्छी बातें
(घ) बचपन की बातें
उत्तर – (ग) अच्छी बातें
(v) 'उद्विग्न'
शब्द का तात्पर्य है - (1)
(क) कठोर
(ख) क्लेश
(ग) व्याकुल
(घ) विश्वास
उत्तर - (ग) व्याकुल
3. सूचनानुसार सही विकल्प
चुनिए।
(i) पद के बारे में कौन सा कथन सत्य है? (1)
(क) पद और शब्द स्वतंत्र इकाई हैं।
(ख) शब्द के मेल से पद बनते हैं।
(ग) वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाता है। (उत्तर)
(घ) पद के रूप में शब्द आ जाता है।
(ii) रेखांकित शब्द की पहचान कीजिए – रम्या, प्रिया और सोहम खेल रहे हैं। (1)
(क) शब्द
(ख) किसी का नाम मात्र
(ग) कोई निरर्थक इकाई
(घ) पद (उत्तर)
(iii) उचित स्थान पर लगे
अनुस्वार शब्द को छाँटिए – (1)
(क) जगदबां
(ख) कंकड़ (उत्तर)
(ग) कटंक
(घ) आंधी
(iv) निम्नलिखित शब्दों
में उपयुक्त स्थान पर लगे अनुनासिक चिह्न वाले शब्द को लिखिए। (1)
(क) ऊचाँइयों
(ख) धँसकर (उत्तर)
(ग) आँएगें
(घ) लौटूगाँ
(v) दुर्जन शब्द में
कौन-सा उपसर्ग जुड़ा है – (1)
(क) दु
(ख) दूर
(ग) दुर् (उत्तर)
(घ) द
(vi) ‘अ’ उपसर्ग से बना शब्द है – (1)
(क) अचेत (उत्तर)
(ख) अनुज
(ग) अवतार
(घ) अत्यंत
(vii) मुखिया शब्द में
कौन-सा प्रत्यय जुड़ा हुआ है ? (1)
(क) या
(ख) ईय
(ग) अनीय
(घ) इया (उत्तर)
(viii) जुर्माना में
प्रत्यय है - (1)
(क) जुर्मा
(ख) आ
(ग) मान
(घ) आना (उत्तर)
(ix)
‘शाल’
शब्द का समश्रुत भिन्नार्थक शब्द है – (1)
(क) शूल
(ख) काल
(ग) साल
(उत्तर)
(घ) ताल
(x) निम्नलिखित में से समश्रुत भिन्नार्थक शब्दों का
सही जोड़ कौन-सा है? (1)
(क) अंश-आशा
(ख) दिन-दीन (उत्तर)
(ग) अंत-अत:
(घ) कोश-बेहोश
(xi) कौन-सा शब्द समूह ‘अतिथि’ का पर्यायवाची है? (1)
(क) परमात्मा-परमेश्वर
(ख) दिवाकर-प्रभाकर
(ग) अंशुमान-अकड़बाज
(घ) अभ्यागत-पाहूना
(उत्तर)
(xii) इनमें से कौन-सा शब्द पर्यायवाची नहीं है। (1)
(क) किनारा
(ख) कगार
(ग) नीरज (उत्तर)
(घ) कूल
(xiii)
नीचे दिए गए शब्दों में से ‘आदि’ का सही विलोम लिखिए। (1)
(क) अंतिम
(ख) इति
(ग) अंत (उत्तर)
(घ) प्रथम
(xiv) ‘राजा’ का विलोम शब्द है - (1)
(क) रंक
(उत्तर)
(ख) प्रजा
(ग) साधु
(घ) फ़कीर
(xv) ‘तुम यह काम
मत करो।‘
– अर्थ की दृष्टि से वाक्य का भेद बताइए।
(1)
(क) आज्ञावाचक
(ख) निषेधवाचक (उत्तर)
(ग) प्रश्नवाचक
(घ) विस्मयवाचक
(xvi) ‘अरे! उसने तो
कमाल कर दिया।‘ अर्थ के आधार पर वाक्य है – (1)
(क) इच्छवाचक
(ख) संकेतवाचक
(ग) विस्मयवाचक
(उत्तर)
(घ) विधानवाचक
(4) निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक
पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
दंड भोगकर जब मैं छूटा,
पैर न उठते थे घर को;
पीछे ठेल रहा था कोई
भय-जर्जर तनु पंजर को।
पहले की-सी लेने मुझको
नहीं दौड़कर आई वह;
उलझी हुई खेल में ही हा!
अबकी दी न दिखाई वह।
उसे देखने मरघट को ही
गया दौड़ता हुआ वहाँ,
मेरे परिचित बंधु प्रथम ही
फूँक
चुके थे उसे जहाँ।
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी,
हाय! फूल-सी कोमल बच्ची
हुई राख की थी ढ़ेरी!
अंतिम बार गोद में बेटी,
तुझको ले न सका मैं हा!
एक फूल माँ का प्रसाद भी
तुझको
दे न सका मैं हा!
(i) सुखिया के पिता को
किस अपराध का दंड मिला?
(1)
(क) प्रसाद लेने का
(ख) मंदिर न आने
का
(ग) मंदिर की
पवित्रता नष्ट करने का (उत्तर)
(घ) धोखा देने का
(ii) सुखिया के पिता के
पैर घर की तरफ क्यों नहीं उठ रहे थे?
(1)
(क) किसी अनहोनी की
आशंका के फलस्वरूप (उत्तर)
(ख) जेल से आने के
कारण
(ग) वह जेल में
असमर्थ था
(घ) घर नहीं जाना
चाहता था
(iii) सुखिया पिता को
लेने बाहर क्यों नहीं आई? (1)
(क) वह बीमार थी
(ख) उसकी मृत्यु हो
चुकी थी (उत्तर)
(ग) वह खेल रही थी
(घ) उसे पिता के आने
का पता नहीं चला
(iv) ‘एक फूल माँ
का प्रसाद भी तुझको दे न सका मैं हाँ!’ पंक्ति में कौन से
भाव प्रकट हो रहे हैं? (1)
(क) सुख और दुख के
मिले-जुले भाव
(ख) कष्ट और बेचैनी के
भाव
(ग) विवशता और शोक
के भाव (उत्तर)
(घ) डर
और करूणा के भाव
(5) निम्नलिखित गद्यांश
को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
उपनेता प्रेमचंद, जो अग्रिम दल का
नेतृत्व कर रहे थे, 26 मार्च को पैरिच लौट आए। उन्होंने हमारी पहली बड़ी
बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से हमें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उनके दल ने कैंप-एक
(6000 मी.), जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक
का रास्ता साफ़ कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि पुल बनाकर, रस्सियाँ
बाँधकर तथा झंडियों से रास्ता चिह्नित कर,
सभी बड़ी कठिनाइयों का जायज़ा ले लिया गया है।
उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया कि ग्लेशियर बर्फ की नदी है और बर्फ़ का गिरना अभी
जारी है। हिमपात में अनियमित और अनिश्चित बदलाव के कारण अभी तक के किए गए सभी काम
व्यर्थ हो सकते हैं और हमें रास्ता खोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता है।
'बेस कैंप'
में पहुँचने से पहले हमें एक और
मृत्यु की खबर मिली। जलवायु अनुकूल न होने के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई
थी। निश्चित रूप से हम आशाजनक स्थिति में नहीं चल रहे थे। एवरेस्ट शिखर को मैंने
पहले दो बार देखा था, लेकिन एक दूरी से। बेस कैंप पहुँचने पर दूसरे दिन
मैंने एवरेस्ट पर्वत तथा इसकी अन्य श्रेणियों को देखा। मैं भौंचक्की होकर खड़ी रह
गई और एवरेस्ट, ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी, बर्फीली
टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।
i) अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था? (1)
(क) तेनजिंग
(ख) उपनेता प्रेमचंद (उत्तर)
(ग) बचेंद्री पाल
(घ) कर्नल खुल्लर
ii) कैंप एक कितने मीटर की ऊँचाई पर लगाया था? (1)
(क) 1000 मीटर
(ख) 4000 मीटर
(ग) 6000 मीटर (उत्तर)
(घ) 500 मीटर
(iii) पर्वतारोहण के लिए रास्ता कब दुबारा खोलने की ज़रूरत हो
सकती थी? (1)
(क) हिमपात में अनियमितता के कारण
(ख) हिमपात में अनिश्चितता के कारण
(ग) हिमपात में अनियमितता और अनिश्चितता के कारण (उत्तर)
(घ) इनमें से कोई नहीं
(iv) रसोई सहायक की मृत्यु किस
कारण से हुई थी? (1)
(क) हिमपात होने के कारण
(ख) पहाड़ से गिरने के कारण
(ग) वज़न उठाने के कारण
(घ) जलवायु अनुकूल न होने के कारण
(उत्तर)
(v) पर्वत चढ़ने का रास्ता किससे
चिहनित
किया गया? (1)
(क) रस्सी से
(ख) झंडियों से (उत्तर)
(ग) खंभों से
(घ) लकड़ियों से
(6) निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए विकल्पों
में से सही विकल्प चुनिए :
लड़का
परसों सुबह मुँह-अँधेरे बेलों में से पके खरबूजे चुन रहा था। गीली मेड़ की तरावट में
विश्राम करते हुए एक साँप पर लड़के का पैर पड़ गया। साँप ने लड़के को डंस लिया।
लड़के
की बुढ़िया माँ बावली होकर ओझा को बुला लाई। झाड़ना-फूंकना हुआ। नागदेव की पूजा
हुई। पूजा के लिए दान-दक्षिणा चाहिए। घर में जो कुछ आटा और अनाज था, दान-दक्षिणा में उठ गया। माँ, बहू और बच्चे 'भगवाना' से लिपट-लिपटकर रोए, पर
भगवाना जो एक दफे चुप हुआ तो फिर न बोला। सर्प के विष से उसका सब बदन काला पड़ गया
था।
ज़िंदा आदमी नंगा भी रह सकता है, परंतु मुर्दे को नंगा कैसे विदा किया जाए? उसके लिए तो बजाज की दुकान से नया कपड़ा लाना ही होगा, चाहे उसके लिए माँ के हाथों के छन्नी-ककना ही क्यों न
बिक जाएँ। भगवाना परलोक चला गया। घर में जो कुछ चूनी-भूसी थी सो
उसे विदा करने में चली गई। बाप नहीं रहा तो क्या, लड़के
सुबह उठते ही भूख से बिलबिलाने लगे। दादी ने उन्हें खाने के लिए खरबूजे दे दिए
लेकिन बहू को क्या देती? बहू का बदन बुखार से तवे की तरह तप रहा था। अब बेटे
के बिना बुढ़िया को दुअन्नी-चवन्नी भी कौन उधार देता।
बुढ़िया रोते-रोते और आँखें पोंछते-पोंछते भगवाना के
बटोरे हुए खरबूजे डलिया में समेटकर बाज़ार की ओर चली-और चारा भी क्या था?
(i) बुढ़िया के बच्चे की मृत्यु कैसे हुई ? (1)
(क) दुर्घटना से
(ख) बीमारी से
(ग) साँप के
काटने से (उत्तर)
(घ) खेत में
गिरने से
(ii)
किसकी मृत्यु के पश्चात् बुढ़िया
के परिवार का पालन-पोषण करने वाला कोई नहीं था? (1)
(क) लेखक की
(ख) पड़ोसी की
(ग) भगवाना की (उत्तर)
(घ) इनमें से कोई नहीं
(iii) साँप के काटने पर बुढ़िया किसको बुला लाई ? (1)
(क) डॉक्टर को
(ख) पड़ोसी को
(ग) ओझा को (उत्तर)
(घ) गाँव वालों
को
(iv) लेखक के अनुसार बुढ़िया को कोई क्यों उधार नहीं देता ? (1)
(क) वह गरीब थी
(ख) उसका पति नहीं था
(ग) उसके बेटे की मृत्यु हो गई थी
(उत्तर)
(घ) इनमे से कोई नहीं
(v) साँप के काटने के कारण लड़के का शरीर
कैसा हो गया था? (1)
(क) ठंडा
(ख) काला (उत्तर)
(ग) सफ़ेद
(घ) कड़ा
खंड – ब (वर्णनात्मक प्रश्न)
(7) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(i) लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था? (2)
- लेखक अतिथि को रुकने
के लिए आग्रह करेंगे, मगर वे नहीं मानेंगे और एक अच्छे अतिथि की तरह
चले जाएँगे। वे अतिथि को एक भावभीनी विदाई
देना चाहते थे। वे चाहते थे कि जब अतिथि जाए
तो पति-पत्नी उसे स्टेशन तक छोड़ने जाए। इस
तरह लेखक अतिथि को भावभीनी व सम्मानजनक
विदाई देना चाहते थे परंतु उनकी यह मनोकामना पूर्ण
नहीं हो पाई।
(ii) ‘संबंधों का संक्रमण
के दौर से गुज़रना’ – इस पंक्ति से आप क्या समझते
हैं? विस्तार
से लिखिए। (3)
‘संबंधों का संक्रमण
के दौर से गुज़रना’ – इस पंक्ति का आशय है संबंधों में परिवर्तन आना। जो
संबंध आत्मीयतापूर्ण थे वे अब घृणा और तिरस्कार
में बदलने लगे। जब लेखक के घर अतिथि
आया था तो उसके संबंध सौहार्दपूर्ण थे।
उन्होंने उसका स्वागत प्रसन्नता पूर्वक किया था। लेखक ने
अपनी ढ़ीली-ढ़ाली आर्थिक स्थिति के बाद भी उसे
शानदार लंच और डिनर खिलाया और सिनेमा भी
दिखाया। लेकिन अतिथि चार-पाँच दिन रुक गया तो
स्थिति में बदलाव आने लगा और संबंध
बदलने लगे। मधुर संबंध कटुता में परिवर्तित हो
गए। सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो गई। डिनर से
खिचड़ी तक पहुँचकर अतिथि के जाने का चरम क्षण
समीप आ गया था।
(8) रैदास
के इन पदों का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए। (5)
- पहला
पद –
रैदास के पहले पद का केंद्रीय भाव यह है कि ईश्वर निर्गुण, निराकार तथा सर्वव्यापी
हैं। वे पृथ्वी के कण-कण में व्याप्त हैं। रैदास प्रभु के अनन्य
भक्त हैं। वे अपने ईश्वर से कुछ इस प्रकार से घुल-मिल गए हैं कि उन्हें अपने प्रभु
से अलग करके देखा ही नहीं जा सकता। उनका पहला पद उनकी भक्ति एवं समर्पण भाव को दर्शाता
है।
दूसरा
पद –
रैदास के दूसरे पद का केंद्रीय भाव यह है कि उनके प्रभु सर्वगुण संपन्न, दयालु
और समदर्शी हैं। वे निडर हैं तथा गरीबों के रखवाले हैं। ईश्वर अछूतों के उद्धारक
हैं तथा नीच को भी ऊँचा बनाने की क्षमता रखनेवाले सर्वशक्तिमान हैं। रैदास का
दूसरा पद छुआछूत एवं अस्पृश्यता जैसी बुराइयों को दूर करने के लिए प्रेरित करता
है। प्रस्तुत पद में रैदास जाति-प्रथा एवं भेदभाव को समाप्त करने की इच्छा व्यक्त
करते हैं।
(9) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(i) सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका
के मन में किस विश्वास का जन्म
होता है? (2)
- सोनजुही की लता के नीचे बनी
गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में इस विश्वास का जन्म होता था कि एक दिन गिल्लू
भी इस सोनजुही की लता पर पीले चटक फूल के रूप में अवश्य खिलेगा (जन्म लेगा) और वे
फिर से उसे अपने आस-पास अनुभव कर पाएँगी। यह विश्वास उन्हें संतोष देता था।
(ii) भाई के बुलाने पर घर लौटते
समय लेखक के मन में किस बात का डर था?
(2)
जब
लेखक सर्दियों के सायंकाल में साढ़े तीन या चार बजे अपने साथियों के साथ झरबेरी से
बेर तोड़ रहे थे तभी एक आदमी ने पुकार कर कहा कि तुम्हारे भाई बुला रहे हैं, शीघ्र चले
आओ। यह सुनकर लेखक घर की ओर लौटने लगे; पर लेखक के मन में घर देरी से पहुँचने के
कारण भाई साहब की मार का डर था। इसलिए वे सहमे-सहमे से जा रहे थे। उन्हें समझ में
नहीं आ रहा था कि उनसे कौन-सा कसूर हो गया। उन्हें आशंका थी कि कहीं बेर खाने के
अपराध में उनकी पेशी न हो रही हो। वे अज्ञात डर से डरते-डरते घर में घुसे।
(10) अनुच्छेद लेखन (6)
विषय : इंटरनेट का उपयोग
संकेत बिंदु :
- इंटरनेट क्या है
- इंटरनेट के लाभ
- उपयोग में
सावधानियाँ
- अनुच्छेद लेखन :
(छात्र अपनी लेखन-क्षमता के अनुरूप लिखेंगे)
विषय-वस्तु – 2 अंक
भाषा-शुद्धता – 2 अंक
आरंभ-समापन – 1 अंक
(11) पत्र लेखन - अपने मित्र को
खेल-कूद प्रतियोगिता में प्रथम आने पर बधाई पत्र लिखिए। (5)
-
पत्र-लेखन
: (छात्र अपनी लेखन-क्षमता के अनुरूप लिखेंगे)
प्रारूप – 2 अंक
विषय-विस्तार – 2 अंक
भाषा- 1 अंक
(12) संवाद लेखन : ऑनलाइन शिक्षण के प्रभावों पर दो अभिभावकों
के बीच की बातचीत को लगभग 50
शब्दों में संवाद रूप के रूप में लिखिए। (5)
- संवाद-लेखन :
विषय-वस्तु – 2 अंक
भाषा-शुद्धता – 2 अंक
आरंभ-समापन – 1 अंक
(13) नारा
लेखन : ‘नेत्रदान’ विषय पर लगभग 15-20 शब्दों में नारा लिखिए। (5)
- नारा-लेखन
सृजनात्मकता – 2 अंक
विषयानुकूल भावाभिव्यक्ति – 2
अंक
वर्तनी शुद्धता - 1 अंक
(14) संदेश लेखन : आपकी माताजी कुछ काम से घर से बाहर गई हैं। उसी समय उनकी दोस्त आकर यह
बताती हैं कि कल उनके यहाँ तीन बजे भजन मंडली का कार्यक्रम रखा गया है अत: उन्हें
उपस्थित होना है इसे संदेश रूप में माताजी के लिए लगभग 30-40 शब्दों में
लिखें। (5)
- संदेश-लेखन
प्रारूप -
1 अंक
विषयवस्तु – 2 अंक
भाषा-शुद्धता – 2 अंक
Comments
Post a Comment