बदलता जमाना
एक जमाना था जब अच्छे आदमी को गऊ और बुरे आदमी को सुअर कहते थे।
लेकिन सुअर आदमी और गऊ आदमी दोनों मिलकर रहते थे।
सुअर आदमी तब गऊ का दूध पीता था ,
और गऊ आदमी भी वाराह अवतार की पूजा करके जीता था।
लेकिन, आह! क्या जमाना आ गया,
गऊ आदमी,सुअर को और सुअर आदमी, गऊ को खा गया।
गऊ व सुअर का अस्तित्व, राजनीति का मुद्दा बनके छा गया।
इसी गाय और सुअर के द्वन्द में , इंसान आदमियत को भूला गया।
आह! क्या जमाना आ गया।
आह! क्या जमाना आ गया।
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