गोरखपुर हत्याकांड
गोरखपुर कांड हास्पिटल की सुविधाओं के ऊपर एक शर्मनाक कांड है! बच्चो की मौते आक्सीजन की कमी से हुयी अस्पताल प्रशासन के गरीबो ओर मध्यमवर्गीय परिवार के लोगो के प्रति लापरवाही ा से। मैने अक्सर सरकारी हास्पिटलो मे डाक्टर नर्स बार्डब्वाय या कम्पोडर का ढुल मुल रवैया देखा है।। शासन को आप कह सकते हो क्यूकि शासन को आपने प्रशासन पर नकेल कसने के लिए चुना होता है मगर जब देश मे राजनीति इंसानियत ओर नैतिकता पर हावी हो जाते है तो फिर कई कांड हो जाते है।
आज 60 बच्चे बीजेपी शासित राज्य मे एक साथ आकाल मौत को मर गये तो पूरे देश मे हाय तौबा मच गयी। जबकि ऐसी घटनाए हर रोज होती है और औसतन पूरे देश मे दो हजार बच्चे रोजाना मरते है जिनमे सीधे तौर पर प्रशासन की गैर जिम्मैदारी पायी गयी👍
अगर हमारा देश जाग रहा है ओर आज आवाज उठा रहा है तो ये आने वाले दिनो के लिए सुंदर तस्वीर पेश करेगी मगर ये सिर्फ योगी जी ओर मोदी जी का विरोध के लिए हो रहा है तो भाड मे जाय तुम जैसे क्रांतिकारी।
सरकार आपको बीमारियों से नही बचा सकती उसके लिए अस्पताल का रूख करना पडता है ओर अस्पताल के डाक्टर कर्मचारियों के भरोसे रहना पडता है। ये जरूर हे की अस्पताल प्रशासन को सुविधाओं सरकार से मुहैया करायी जाती है ओर जितनी बेहतरीन सुविधाएँ अस्पताल मे होगी मरीजो के स्वास्थ पर भी उतनी जल्दी फर्क पडेगा।
मगर दुखद बात ये ही की हमारा पूरा का पूरा तंत्र ही भ्रष्टाचार और नौकरशाही के जाल मे फंसा हुआ है। साले जितने भी सरकारी विभाग है हर जगह भ्रष्टाचार व्यापक रूप मे फैला हुआ है जिसको योगी जी मोदी जी क्या स्वयं भगवान भी नही सुधार सकते👍
सरकार विभाग मे कार्यरत नौकरशाह वर्ग निरंकुश हो चुका है इंसानियत मर चुकी है नैतिकता खो चुके है भोग विलासिता मे डूबे है जनता मरती है मरती रहेगी आज 60 मरे है कल 100 मरेगे। जनता सिर्फ वोट दे सकती है ओर देती रहेगी। किसी पे फर्क नही पडने वाला चार दिन हम फेसबुकियो का जमीर इंसानियत जागेगी फिर कौई किरण भाभी अपनी एक विडियो वायरल कर देगी तो ऐसे हादसो को सब भूल जायेगे👍👍
असल मे इस देश मे प्रशासन पर कोई भी सरकार पकड नही बना पाती हे जिसका सबसे बडा कारण जनता ओर प्रशासन का दो गुटो मे विभाजित होना। समाजवादी पार्टी को सत्ता से हटाया तो गया है मगर आज भी यूपी मे प्रशासन मे कई अहम पोस्टों पर नमाजवादी बैठे है जो जानबूझकर कानून प्रशासन और शासन की धज्जियाँ उडाते है👍👍 योगी जी से बहुत अपेक्षाएं है मगर प्रशासन मे बैठे भोग-विलास भ्रष्टाचार मे डूबे अधिकारी ओर कर्मचारि उनको सहयोग नही कर रहे है।
एक छोटा सा उदाहरण है जब मोदी जी ने स्वच्छता अभियान चलाया था ओर स्वय कई स्थानो पर झाडू लगाया ओर जनता से भी अपील की गंदगी न करे अपने शहर मोहल्ला को साफ रखे तो कितने लोगो ने सपोर्ट किया??? कांग्रेसियों सपाइयो आपियो ने तो जानबूझकर कूडा सडक पर डालना शुरू कर दिया ताकी स्वच्छता अभियान विफल हो जाय रही कसर प्रशासन स्तर पर विभागिय कर्मचारियों की मिली भगत से करोडो रूपये स्वच्छता के नाम पर डकार दिये गये।
जिस देश मे अंध विरोध ओर अंध सपोर्ट रहेगा वो देश कभी सफल नही हो सकता। हम आप मे से कितने लोग हे जो ईमानदारी से कहे की वो कभी दिलबाग गुटखा सिगरेट शराब की बोतल केले संतरे के छिक्कल कुरकुरे नमकीन भुजिये के पैकेट रोड पर नही फैकते। कितने युवा है इस देश मे जो अपने मा बाप भाई बहन से कहते हो की टैक्स दिया करो और भ्रष्टाचार मत किया करो??
कितने युवाओ का जमीर जागा है कितनो की इंसानियत बची है शायद गांरटी के साथ कहता हू 2% युवा भी नही होगे फिर इतनी चिल्लाहट क्यू???
ये राजनीति बहुत कुत्ती चीज होती है आज भक्तो कू ही दो फाड कर गयी👍👍 कुछ खुद कै भक्त कहते है तो कुछ अंधभक्त 👍👍 चलो सबकी भक्ति अंधभक्ति ओर देश भक्ति भी देखते है कितने लोग ईमानदारी से काम करते है👍👍
खैर 60 बच्चो को श्रद्धांजलि 💐💐💐💐💐
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