दर्दे दिल

मत छेड़ो मेरे दर्दे-सुखन को।
छेड़ो मत  मेरे अंतर्मन को।।
जिन बतियन से पीड़ा पहुंचे।
मत छेड़ो उन बतियन को।।
मत छेड़ो उन बतियन को।।

मेरा दिल है पीर का सागर।
उठती इसमें दर्द की भांवर।।
कुछ भी कर लो,मेरे प्रियतम।
मत छेड़ो, मेरी यदियन को।।
मत छेड़ो, मेरी यदियन को।।

पिय तुम बिन हम ऐसे तड़पत।
जैसे जल बिन मछली,छटपट।।
दिन मां चैन न आवै तुम बिन।
नींद न आवै रतियन में।।
नींद न आवै रतियन में।।

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